कैंसर होने पर वैक्सीन लगवा सकते हैं? कैंसर मरीजों को कोविड वैक्सीन लग सकती है बल्कि कैंसर से पीड़ित मरीज गंभीर केस की श्रेणी में आते हैं इसलिए उन्हें सबसे पहले वैक्सीन लगवाने की जरूरत है। ऐसे मरीजों की इम्यूनिटी वीक होती है। हालांकि अगर कीमोथैरिपी या कोई और कैंसर ट्रीटमेंट चल रहा है तो टीकाकरण को कुछ समय तक टाला जाएगा। अगर कैंसर ट्रीटमेंट के चलते एक हाथ में गांठ है तो उसे दूसरे हाथ या जांघ में भी वैक्सीन लग सकती है, पर आपको वैक्सीन लगवाने से पहले डॉक्टर से बात करनी होगी। ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ में डॉ राम मनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के असिसटेंट प्रोफेसर डॉ संजीत कुमार सिंह से बात की।
कैंसर ट्रीटमेंट पर कोरोना वैक्सीन का असर तो नहीं होगा?
नहीं अब तक ऐसा केस नहीं देखा गया है जिसमें कैंसर थैरेपी पर कोविड वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव हो। ये हो सकता है कि कैंसर ट्रीटमेंट चलते से वैक्सीन का असर कम हो। हालांकि अगर किसी मरीज की कीमोथैरेपी चल रही हो तो उसे वैक्सीन थैरेपी के कुछ हफ्तों बाद ही लगाई जाएगी। जिन मरीजों को वैक्सीन लग जाए वो भी मास्क लगाकर रखें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और सोशल गैदरिंग अवॉइड करें। वैक्सीन लगने के बाद भी कैंसर मरीजों का खास ख्याल रखने की जरूरत होगी, खासकर ऐसे मरीजों को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होगी जिनकी कीमोथैरेपी चल रही हो या जिन्हें कैंसर के साथ कोई और बीमारी हो।
कैंसर का पता चला है पर ट्रीटमेंट नहीं शुरू किया वो वैक्सीन लगवा सकते हैं?
आप डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन लगवा सकते हैं। हालांकि वो लोग जो स्टेम सैल ट्रांसप्लांट ले रहे हैं या इंडक्शन थैरेपी ले रहे हैं उन्हें थैरिपी चलते तक टीका नहीं लगवाना चाहिए। अगर कोई कैंसर का मरीज सर्जरी करवा रहा है तो उसे भी कुछ हफ्तों तक वैक्सीन के लिए रुकना होगा। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ट्रीटमेंट पर वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव न हो। इसके अलावा अगर मरीज सीएआर टी-सैल थैरेपी ले रहा हो, कीमो सैशन चल रहे हों या ल्यूकेमिया के लिए थैरेपी चल रही हो तो वैक्सीनेशन टालना पड़ सकता है।
वैक्सीन लगवाने के बाद कैंसर मरीजों में लक्षण बढ़ना या ट्यूमर तो नहीं होगा?
कोविड वैक्सीन लगवाने के बाद हाथ में सूजन जरूर हो सकती है पर अब तक कैंसर के लक्षण बढ़ना या ट्यूमर जैसे मामले सामने नहीं आए हैं। अगर आपके हाथ में पहले से ही कोई गांठ है तो डॉक्टर को बता दें। अगर आपके हाथ में सूजन आती है तो डरें नहीं, सूजन एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाएगी।
कैंसर के चलते हाथ में लिम्फ नोड्स होने पर वैक्सीन कैसे लगवाएं?
जिन लोगों को कैंसर ट्रीटमेंट के चलते हाथ में लिम्फ नोड्स ;सलउची दवकमद्ध यानी गांठ है वो उन्हें इंफेक्टेड हाथ में वैक्सीन न लेकर दूसरे हाथ में लेनी चाहिए। इंफेक्टेड हाथ में वैक्सीन लेने से सूजन आ सकती है और गांठ से पस बाहर निकल सकता है। इसलिए जिन लोगों को लिम्फेडेमा है उन्हें ध्यान रखना है कि वो गंभीर इंफेक्शन की चपेट में है इसलिए डॉक्टर की सलाह पर ही वैक्सीन लगवाएं। ऐसा भी हो सकता है कि जिन कैंसर मरीजों के दोनों हाथों में गांठ है उन्हें डॉक्टर जांघ पर वैक्सीन लेने की सलाह दे सकते हैं।
कैंसर मरीजों को वैक्सीन लगने से कोविड से कितनी सुरक्षा मिलेगी?
अभी तक जितनी स्टडी और डेटा कैंसर मरीज और कोरोना पर मिला है उसके आधार में ये बात कही जा सकती है कि वैक्सीन से कैंसर मरीजों को आम लोगों के मुकाबले कम प्रोटेक्शन मिलने की आशंका हो सकती है खासकर वो मरीज जिनको ब्लड कैंसर है या जिनको कीमोथैरेपी के सेशन दिए जा रहे हैं। आम मरीजों के मुकाबले कैंसर मरीजों को वैक्सीन लगने से 95 प्रतिशत प्रोटेक्शन तो नहीं मिलेगी क्योंकि ऐसे मरीजों की इम्यूनिटी वीक होती है पर हां अगर वैक्सीन से उन्हें 50 प्रतिशत सुरक्षा भी मिल रही है तो ये भी एक पॉजिटिव कारण है कि कैंसर में मरीज को वैक्सीन लगवाई जाए।
कैंसर मरीजों को क्यों लगवानी चाहिए कोविड वैक्सीन?
कोविड वैक्सीन लगाने के पीछे का पहला उद्देश्य इंफेक्शन से बचाव नहीं बल्कि इंफेक्शन से होने वाली समस्या को कम करना है। कैंसर के मरीजों को वैक्सीन लगने से कोरोना के गंभीर लक्षण होने की आशंका कम होगी। ये जरूरी नहीं है कि वैक्सीन लगने के बाद कैंसर मरीजों को कोरोना न हो लेकिन इससे खतरा कम होगा।
जिन लोगों की कीमोथैरेपी या रेडियोथैरीप चल रही होती है उनकी इम्यूनिटी पर असर पड़ता है इसलिए ऐसे लोगों का ध्यान रखने की खास जरूरत है। ऐसे लोगों का ध्यान रखने के लिए इन बातों को फॉलो करें-
- कोविड के चलते कैंसर के मरीजों के आसपास साफ-सफाई का ध्यान दें, हर दिन उनकी बैडशीट बदलें इसके अलावा पर्सनल हाइजीन पर भी ध्यान दें।
- कैंसर के मरीजों के लिए कोविड से जुड़े नियमों का पालन करें जैसे मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग रखना आदि।
- अगर इंफेक्शन के डर से आप कैंसर के मरीज को किसी परेशानी होने पर अस्पताल नहीं ले जा रहे हैं तो ये मरीज के लिए हानिकारक हो सकता है, कोई भी इमरजेंसी होने पर मरीज को तुरंत अस्पताल लेकर जाएं।
- अगर इस दौरान पता चलता है कि किसी को कैंसर है तो संक्रमण के डर से इलाज में देरी न करें, उस व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं। अगर कैंसर के मरीजों को सही समय पर इलाज मिले तो पॉजिटिव खबर की उम्मीद रहती है।
- कैंसर मरीजों की इम्यूनिटी वीक होती है इसलिए उन्हें बिना चिकित्सा सलाह के कोई भी देसी इलाज देने की गलती न करें।
आप भी किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसे कैंसर है तो उसे पूरी अहतियात के साथ और डॉक्टर से पक्की जानकारी लेकर ही वैक्सीन लगवाएं।










