कोरोना के टीके का कितने दिन में दिखेगा असर? क्या वैक्सीन लगते ही मास्क नहीं लगाना पड़ेगा?

भारत में कोरोनावायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है। पूरे देश में करीब तीन हजार साइट्स पर तीन लाख हेल्थकेयर वर्कर्स को वैक्सीनेट किया जाएगा। सभी सेंटर्स तक वैक्सीन पहुंच गई है। वैक्सीनेशन करने वाला स्टॉफ और अन्य मशीनरी भी वैक्सीन लगाने के लिए तैयार है। आइए जानते हैं इससे जुड़े अहम सवालों पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स और क्या हैं सरकार की गाइडलाइंस।

क्या आपके लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है?

नहीं। सरकार ने बार-बार कहा है कि वैक्सीन लगवाना आपकी मर्जी पर निर्भर है। पर विशेषज्ञ कह रहे हैं कि अगर आप प्रायोरिटी ग्रुप में हैं तो आपको वैक्सीन लगवाना चाहिए। इसकी दो वजहें हैं-
1. आपको कोरोनावायरस से इंफेक्ट होने का खतरा दूसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा है। इसी वजह से आपको प्रायोरिटी ग्रुप में रखा गया है। अगर आप वैक्सीन लगवाते हैं तो न केवल आपको कोरोना के खिलाफ सुरक्षा मिलेगी, बल्कि आप उसे अन्य लोगों तक जाने से भी रोकेंगे।
2. आपकी वजह से आपके करीबियों को कोरोनावायरस इंफेक्शन हो सकता है। ऐसे में अगर आप सुरक्षित रहते हैं तो आप निश्चित तौर पर अपने करीबियों को भी सुरक्षित रख सकेंगे। अगर आपके करीबी लोगों में कोई हाई-रिस्क कैटेगरी में आता है तो आपके लिए वैक्सीन लगवाना और भी जरूरी हो जाता है।

आपको कौन-सी वैक्सीन लगने वाली है और उसके असर के बारे में क्या जानकारी है?

  • भारत सरकार ने दो वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है। इसमें से एक कोवीशील्ड है, जिसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर डेवलप किया है। इसे भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रहा है। दूसरी वैक्सीन कोवैक्सिन है, जिसे हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने देश की प्रमुख मेडिकल रिसर्च संस्था ICMR के साथ मिलकर बनाया है।
  • कोवीशील्ड के ब्रिटेन और ब्राजील में हुए टेस्ट बताते हैं कि यह आपको कोरोनावायरस के खिलाफ 70% तक सुरक्षा देती है। वहीं, कोवैक्सिन के फेज-1 और फेज-2 के नतीजे बेहद अच्छे रहे हैं। यह कोरोनावायरस को रोकने में अब तक प्रभावी और सुरक्षित साबित हुई है। फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल्स के नतीजे भी फरवरी तक सामने आने की उम्मीद है।

क्या वैक्सीन लगाने के बाद भी मास्क पहनने की जरूरत पड़ेगी?

  • हां। वैक्सीन का असर होने में वक्त लगता है। दूसरे डोज के 14 दिन बाद इसका असर प्रभावी होता है। तब तक तो मास्क पहनना ही होगा। इस समय कई तरह के ट्रायल्स चल रहे हैं। यह भी कोई दावे के साथ नहीं कह सकता कि अगर आपने वैक्सीन लगवा ली है तो आप कोरोनावायरस इंफेक्शन नहीं फैला सकते, इस वजह से मास्क पहनने और कोविड-19 से जुड़े अन्य प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह एक्सपर्ट्स दे रहे हैं।

वैक्सीन इतने कम समय में तैयार की गई है? क्या यह सुरक्षित होगी?

  • हां। अब तक के ट्रायल्स के नतीजे तो यही कहते हैं। यह अब तक की सबसे तेजी से बनी वैक्सीन है। नियामक संस्थाओं ने ट्रायल्स के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए इन्हें चुना है। इस वजह से इन पर भरोसा किया जा सकता है।
  • ज्यादातर विशेषज्ञ कहते हैं कि भले ही यह वैक्सीन जल्दी आई हो, इसके लिए जो तरीके अपनाए गए हैं वह पूरी तरह से वैज्ञानिक हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर देश-दुनिया के सभी नियामकों ने मिलकर नियम तय किए हैं और उस आधार पर पुष्टि के बाद ही इन्हें लगाने की अनुमति दी गई है।

क्या उसे भी वैक्सीन लगवानी चाहिए जो संक्रमित है या उसमें इसके लक्षण हैं?

  • नहीं। अगर आप प्रायोरिटी ग्रुप्स में है और आपको कोरोनावायरस इंफेक्शन हुआ है या इसके लक्षण हैं तो आपको थोड़ा रुकना चाहिए। लक्षण ठीक होने के 14 दिन बाद ही वैक्सीन लेनी चाहिए। अभी आप बाहर निकलेंगे तो इंफेक्शन फैलाएंगे ही।

क्या कोरोना से रिकवर हो चुके लोगों को भी वैक्सीन लेनी होगी?

  • हां। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन्हें कोरोनावायरस का इंफेक्शन हुआ है, उन्हें भी वैक्सीन लगवानी चाहिए। दरअसल, सभी लोगों के शरीर में इम्युनिटी का स्तर अलग-अलग है। इस वजह से दोबारा इंफेक्शन होने का खतरा टला नहीं है। यह भी नहीं पता कि आपके शरीर में जो एंटीबॉडी बनी है, वह कितने दिन तक कायम रहेगी।
  • इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में हुई रिसर्च में पता चला है कि जिन्हें कोरोना इंफेक्शन हो चुका है, उनके शरीर में आठ से दस महीने तक भी एंटीबॉडी मिली है। यानी उन्हें रीइंफेक्ट होने का खतरा कम है। अब तक यह नहीं पता कि यह एंटीबॉडी शरीर में कितने दिन कायम रहेगी। कई देशों में रीइंफेक्शन के केस भी सामने आए हैं।

कैसे पता चलेगा कि आप वैक्सीन लगाने की योग्यता रखते हैं या नहीं?

  • सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म बनाया है- कोविन (Co-WIN)। राज्यों ने इस पर प्रायॉरिटी ग्रुप्स यानी हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ ही फ्रंटलाइन वर्कर्स की जानकारी अपलोड की गई है।
  • पहले फेज पर कोविन पर सरकार जानकारी अपलोड कर रही है। इसके लिए चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट की मदद भी ली जा रही है ताकि 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की जानकारी कोविन पर डाली जा सके।

यह कोविन प्लेटफॉर्म क्या है और उस पर रजिस्ट्रेशन कैसे होगा?

  • कोविन भारत में लगाई जाने वाली हर वैक्सीन का डिजिटल डेटाबेस होगा। वैक्सीन लगवाने वालों को ट्रैक करने, उन्हें वैक्सीन लगाने की तारीख और समय बताने, वैक्सीनेशन से पहले और बाद की प्रक्रियाओं की निगरानी, बूस्टर डोज के लिए फॉलो-अप और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी करने के लिए कोविन का इस्तेमाल होगा।
  • वैक्सीनेशन के शुरुआती चरण के बाद भारतीय भाषाओं में कोविन ऐप्लिकेशन या वेबसाइट के तौर पर उपलब्ध होगा। इस पर लोग सेल्फ रजिस्ट्रेशन कर वैक्सीनेशन करवा सकेंगे। वैक्सीनेशन के लिए कोई भी व्यक्ति इस पर सेल्फ रजिस्ट्रेशन कर सकेगा।
  • आधार या किसी अन्य फोटो आईडी का इस्तेमाल आवेदक की पहचान की पुष्टि के लिए किया जाएगा, ताकि इसका दुरुपयोग न हो सके। इसके अलावा 50 साल से कम उम्र के ऐसे लोगों का भी रजिस्ट्रेशन होगा, जिन्हें किसी न किसी तरह का रिस्क है। सेल्फ रजिस्ट्रेशन के लिए उन्हें किसी विशेषज्ञ के दस्तावेज पेश करने पड़ेंगे।
  • इनमें से किसी एक आई कार्ड और फोटो के साथ रजिस्ट्रेशन कराया जा सकेगा: आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, श्रम मंत्रालय की ओर से जारी हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, MP, MLA या MLC की ओर से जारी आधिकारिक पहचान पत्र, पैन कार्ड, बैंक/पोस्टऑफिस पासबुक, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्युमेंट, केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी सर्विस कार्ड, वोटर आईडी।

क्या वैक्सीन लगवाने के बाद निगरानी खत्म हो जाएगी?

  • नहीं। वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने के बाद QR कोड बेस्ड डिजिटल सर्टिफिकेट जारी होगा। इसे डिजिटल लॉकर में रखा जा सकेगा। सरकार कोविन से निगरानी जारी रखेगी ताकि भविष्य में अगर कोई साइड इफेक्ट होता है तो उसकी जानकारी दर्ज की जा सके।
  • जिन लोगों को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कैंसर जैसी बीमारियां हैं और वे 50 साल से कम उम्र के हैं, तो वे एक्सपर्ट्स के सर्टिफिकेट के साथ सेल्फ-रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। उन्हें वैक्सीन की उपलब्धता के अनुसार बारी आने पर वैक्सीनेट किया जाएगा।

क्या वैक्सीनेशन से पहले कोई परहेज बताए गए हैं?

  • वैक्सीन लेने के बाद आधा घंटा सेंटर पर आराम करना होगा। इस ऑब्जर्वेशन पीरियड में साइड इफेक्ट्स देखे जाएंगे। अगर कोई समस्या आती है तो वहां तैनात वैक्सीनेशन अधिकारी को इसकी जानकारी देनी होगी।
  • अमेरिका में हुई एक स्टडी कहती है कि वैक्सीन लगवाने से पहले की रात अगर नींद अच्छी आई हो और अच्छी कसरत की हो तो वैक्सीन का असर तेज और ज्यादा होगा। वहीं, डिप्रेशन, एंजाइटी और स्ट्रेस रहने पर वैक्सीन का असर कम हो सकता है।

क्या वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

  • हां। यह मुमकिन है। कोवैक्सिन और कोवीशील्ड, दोनों ही कंपनियों ने फैक्ट शीट जारी की है। इसके अनुसार बुखार, इंजेक्शन की जगह पर दर्द, सिरदर्द, थकान जैसे साइड इफेक्ट सामने आ सकते हैं। कोवैक्सिन की फैक्ट शीट के अनुसार कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं है।

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